Ghar Ke Malkini (Arvind Akela Kallu, Shivani Singh) Lyrics

रोज रोजे के घरवा में शासन पिया
अब सहाई ना ननदो के भाषन पिया
जदि रही जे इहे रहनिया त
घरे पक्का बोलाईब प्रशासन पिया
सुन
तुहि बाड़ू घर के मलकिनिया
हमार सार के बहिनिया नु हो
अच्छा !
की तोहरे नामे कs देब घर आ जमीनिया
ना बनs तू नगिनिया नु हो
ओह हो !
की भउजी साचहु के बाड़ू लछमिनिया !
ना बनs तू नगिनिया नु हो !!
फुसलावतार.

खिसिया के धनि रिसिया के धनि
बाते बाते देवेलु तलाके धनि
हs तs ओला बोला लेले बानी
ई काहे ला हो
जात बानी राजा अब तs हम नईहर
तू सम्हारs आपन घर
सुनी घर के काथा हमार माथा जाला जर
बात लागेला जहर
कटी कईसे राजा के तोहरा दिनिया
अरे आई कईसे निनिया नु हो
की तहरे नावे कs देब आरा के जमीनिया
ना बनs तू नगिनिया नु हो
की भउजी साचहु के बाड़ू लछमिनिया !
ना बनs तू नगिनिया नु हो !!
मये होश बिगाड़ देहब.

तहरा डॉलर चाही की बोलs पार्लर चाही
की कमर करधन वाला झालर चाही
बोल
एह ले पहिले कहाँ रह हो ?
दोष ना तोहार बाटे दोष बाटे कुल
ई अगुववे के

अभी ले भुलाईल नईखी झगड़ा ऐ राजाजी
फगुववे के
ओह हो !
प्रिंस के बजावल हई बिनिया
हम पूछब काल बिहिनिया नु हो
का हो ?
की तहरे नावे कs देब बक्सर के दोकिनिया
जनि बनs तू नगिनिया नु हो
भाक !
की भउजी साचहु के बाड़ू लछमिनिया !
ना बनs तू नगिनिया नु हो !!
डँस देहब !
बुझल..!

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