लेके थरिया खोजेलऽ तरकरिया (त द)
आग लाग जाला दिल के भीतरिया (पानी डालीं?)
कम कइला से हो गइनीं करिया
हम त नइहरे में रहीं, ए सँवरिया (अच्छा)
रुसऽ ना, करेजा, करेजा हमार फाटे
(छोटी-छोटी बात प तू लागऽ तारू डाँटे)
धनी हो, सब धन तहरे नु बाटे
(भाभी हो, सब धन तहरे नु बाटे)
धनी हो, सब धन तहरे नु बाटे
(भाभी हो, सब धन तहरे नु बाटे)
भगबऽ कि ना लोग?
दाँत पीसी के खीसीं में सानेलू आटा
तू प्यार के अचार जस कई देलू खाटा
हँ-हँ, त सुनऽ (का ह, बोलऽ?)
अब तहरा से हम बतियाइब हो, राजा, बेलने से
बड़ी परेसान हम भइनी हो दुख झेलने से
लागेलू कि आज ध के दाँते से काटे (तहरो के काटेब)
(चूड़ी धरऽ, हई चूड़ी के हाथे)
धनी हो, सब धन तहरे नु बाटे
(भाभी हो, सब धन तहरे नु बाटे)
धनी हो, सब धन तहरे नु बाटे
(भाभी हो, सब धन तहरे नु बाटे)
आ, ई का हो? (चुपचाप खा)
तू त दाली में डाल के दे तारू चीनी
ना गुस्सा में घूसा तानऽ, मलकिनी
अच्छा! हँ, त अपने से बना के खा
एकरा से नीक, Ashu, रहतीं हो बिना गवने के
कवन करम हम कइनी हो, भइनी पवने के
हँ, त हमरो सुनऽ (त बोलिए द)
भइल बा बियाह, ना ले अइनी बोला के
(हमहूँ त गइल रहीं बरियाते)
जा, तबो, ए धन, धन तहरे नु बाटे
(भाभी हो, सब धन तहरे नु बाटे)
धनी हो, सब धन तहरे नु बाटे
(भाभी हो, सब धन तहरे नु बाटे)

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